
नवजात शिशु की देखभाल के लिए 10 जरूरी टिप्स
Navjat Shishu Ki Dekhbhal Kaise Kare
जब लंबे इंतजार के बाद आपका नन्हा-मुन्ना आपकी गोद में आता है, तो वह खुशी दुनिया की सभी खुशियों से ऊपर होती है। उसकी मुस्कान, नन्हा-सा शरीर, उससे जुड़ी हर बात आपके मन को भाती है। उसके स्वागत को लेकर आप बेहद उत्सुक रहते हैं, लेकिन इसके साथ ही बच्चे की देखरेख से जुड़ी चिंता भी मन में आने लगती है। बच्चे को कितना दूध पिलाना है, कैसे नहलाना है, उठाना कैसे है, मालिश कैसे करनी है आदि सवाल मन में आना लाजमी हैं। कुछ साल तक शिशु की खास देखभाल की जरूरत होती है और इससे जुड़ी जानकारी माता-पिता के पास होना जरूरी होती है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम नवजात शिशु की देखरेख से जुड़े कुछ पहलू पर प्रकाश डालेंगे, जिनसे आपको मदद मिल सकती है .
शिशु की 12 जरूरत की चीजें जो आपको चाहिए
जब आप नवजात शिशु को हॉस्पिटल से घर लेकर आते हैं, तो कुछ सामान ऐसे होते हैं, जिन्हें जरूरत सबसे ज्यादा होती है। नीचे हमने कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं :
- शिशु के लिए कुछ आरामदायक कपड़े
- शिशु के लिए डायपर
- मुलायम कपड़े से बना कंबल
- आरामदायक कपड़े से बनी टोपी
- मुलायम तौलिया
- डायपर रैशेज क्रीम
- बेबी वेट वाइप्स
- शिशु के लिए पालना या झूला
- बच्चे को नहलाने के लिए बेबी टब
- बच्चे के लिए साबुन और शैंपू
- हाथ के दस्ताने और मोजे
- बच्चे के लिए फीडिंग बोतल
नवजात शिशु की देखभाल के लिए टिप्स
पहली बार माता-पिता बनने वाले कपल के लिए अपने नवजात शिशु को संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखने से उन्हें कुछ हद तक मदद मिल सकती है।
स्तनपान
हर बच्चा अलग होता है और सभी की जरूरतें भी अलग होती हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चा कितना बड़ा है और उसे कितने दूध की जरूरत है। कुछ दिनों के शिशु को हर एक से तीन घंटे में स्तनपान करवाना जरूरी होता है। इस समय वह दूध को चूसना और निगलना सीखता है। बच्चे को बार-बार दूध पिलाने से इसका अभ्यास होता है। इसके साथ ही जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसका पेट और दूध की जरूरत भी बढ़ने लगती है। कुछ हफ्तों या महीने के बच्चे को हर चार से पांच घंटे में दूध पिलाना जरूरी होता है। इसके बाद जब बच्चा छह महीने का हो जाता है, तो आप बच्चे को साबुन आहार खिलाना शुरू कर सकते हैं।
डकार दिलाना
अगर बच्चे को दूध पिलाने के बाद ठीक तरह से डकार न दिलवाई जाए, तो उसे गैस या पेट में मरोड़ की समस्या हो सकती है। इससे पेट में दर्द उठ सकता है । ठीक तरह से डकार न दिलाने पर शिशु मुंह से दूध बाहर भी निकाल सकता है। इस कारण शिशु को सही तरीके से डकार दिलवाना जरूरी है। इसके लिए उसकी पीठ अपनी तरफ करके, उसे अपने घुटने पर बैठाएं और उसके सिर को आगे से पकड़ें। इस दौरान उसकी कमर को आगे की ओर थोड़ा सा झुकाएं और पीठ पर थपथपाएं। इस पोजीशन से उसके पेट पर दबाव पड़ेगा और उसे डकार आ जाएगी । इसके अलावा, शिशु को छाती से लगाकर व पेट के बल गोदी में लेटाकर भी डकार दिलाई जा सकती है।
नवजात शिशु की मालिश करना
नवजात शिशु की मालिश करने की प्रथा हमारे यहां सदियों से चली आ रही है। शिशु की मालिश के जुड़े कई शोध भी उपलब्ध हैं, जिनके अनुसार मालिश बच्चे का तनाव कम करने में मदद करती है। वहीं, मालिश बच्चे का वजन बढ़ाने, दूध पचाने और मानसिक विकास में भी मदद करती है .