सर्दियों मे स्किन को रूखेपन से कैसे बचाए आये जानते है बस एक ट्रिक मे

त्वचा शरीर के सौन्दर्य का आधार होती है। सामान्यत: त्वचा तीन तरह की होती है, तैलीय, शुष्क  तथा सामान्य, इनमें शुष्क त्वचा अधिक समस्या उत्पन्न करती है तथा इसे विशेष देखरेख की आवश्यकता होती है। रूखी त्वचा के उपचार के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्खों (Beauty tips for Dry Skin in Hindi) को ही अपनाया जाता है। क्योंकि सही तरीके से अगर इसका इस्तेमाल किया गया तो साइड इफेक्ट होने की संभावना कम होती है।mycaretips.in

हमारी त्वचा हमारे भीतर के स्वास्थ्य को परिलक्षित करती है कहने का मतलब ये है कि शरीर स्वस्थ होगा तो त्वचा भी साफ निखरी एवं दमकती हुई दिखाई देगी। संतुलित आहार, नियमित जीवनशैली, अपनाकर स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है इसके विपरीत अस्वस्थ जीवन शैली एवं आहार के कारण बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है जिसके कारण त्वचा से चमक  चली जाती है। लेकिन घरेलू नुस्ख़ों का इस्तेमाल करने से त्वचा की खोई हुई रौनक वापस आ सकती है।

रूखी त्वचा क्या होती है 

जब त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है या सफेद पपड़ी जैसा निकलने लगता है तब उसको रूखी त्वचा (dry skin) कहते हैं।

त्वचा के रूखेपन का कारण 

त्वचा का रूखापन शरीर में न सिर्फ पौष्टिकता की कमी के कारण होती है बल्कि और भी कई कारण है जिसके कारण ये समस्या होती है।

  • चेहरे की रूखी त्वचा (Dry Skin on face) सर्दियों के मौसम में और भी ज्यादा शुष्क हो जाती है जिसमें इसे अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। कई बार त्वचा प्राकृतिक रूप से शुष्क नहीं होती है जबकि अन्य कारणों से रूखी हो जाती है। जैसे-त्वचा पर साफ करने के लिए जिस साबुन या क्लींजर का प्रयोग किया जाता है उसका त्वचा पर सीधा प्रभाव पड़ता है, अगर कठोर साबुन का प्रयोग किया तो इसमें मौजूद हानिकारक तत्व नमी को खत्म कर त्वचा को और शुष्क (Home remedies for Dry skin) बना देंगे।
  • ज्यादा समय तक सूर्य के सम्पर्क में रहना। सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणें त्वचा को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ त्वचा को शुष्क भी बनाती है। ये किरणें त्वचा की आंतरिक सतह में जाकर कोलेजन के निर्माण में अवरोध पैदा करती है और परिणाम स्वरूप त्वचा सूखने लगती है।
  • अगर आप लम्बे समय तक किसी बीमारी से ग्रस्त है विभिन्न प्रकार की एलोपैथिक दवाओं का सेवन कर रहे है तो इसके हानिकारक प्रभाव आप की त्वचा पर भी दिखेंगे।
  • हमेशा गरम पानी से स्नान करने से भी त्वचा शुष्क रहती है। गरम पानी के त्वचा के सम्पर्क में आने से एपिडरमीस यानि त्वचा की पहली परत भी प्रभावित होती है जिसके कारण त्वचा शुष्क (Home remedies for Dry skin) हो जाती है।
  • हाइपोथॉयराडिज्म नामक बीमारी से ग्रस्त होने के कारण भी त्वचा शुष्क रहती है। इस समस्या में थॉयरायड या अवटुग्रंथि कम मात्रा में थॉयरायड का निर्माण करती है जिस कारण त्वचा में स्थित पसीने की ग्रंथियाँ प्रभावित होती है और त्वचा में नमी का अभाव हो जाता है।
  • स्वीमिंग पूल में अधिक देर तक तैरने से त्वचा की नमी खो जाती है। यह पानी क्लोरीन युक्त होता है तथा त्वचा के सम्पर्क में आने से त्वचा की नमी कम होने लगती है।
  • त्वचा रूखी होने का एक कारण उम्र बढ़ना भी हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ त्वचा में कोलेजन का निर्माण कम होने लगता है और परिणामस्वरूप त्वचा शुष्क होती चली जाती है।
  • यदि आप सोरायसिस या एक्जिमा जैसी किसी बिमारी से ग्रस्त है तो भी त्वचा शुष्कता की समस्या हो सकती है क्योंकि यह रोग कोलेजन के निर्माण को प्रभावित (Home remedies for Dry skin) करते है।

इन आम कारणों के अलावा आयुर्वेद के अनुसार इन वजहों से भी त्वचा में रूखापन आता है। चलिये इस बारे में बात करते हैं-

वातज त्वचा यानी जिस त्वचा में वात की अधिकता हो इसमें त्वचा रूखी रहती है, ठंड के  मौसम में यह बेहद रूखी-सूखी हो जाती है तथा उम्र के साथ-साथ जल्दी ढलती है। ऐसी त्वचा पतली, शुष्क तथा इसमें नमी बहुत कम होती है, त्वचा में पाई जाने वाली सिबेशियस ग्रंथियों के कारण रूखी त्वचा, तैलीय तथा सामान्य त्वचा की तुलना में कम सक्रिय होती है। अत: समय से पहले ही अपनी वसा खो देती है ऐसे में इसे खास देखभाल की जरूरत होती है। खासतौर पर इस तरह की त्वचा को पौष्टिकता देने के लिए प्राकृतिक तैलों से मालिश करनी चाहिए इससे त्वचा में नमी बरकरार रहेगी और शुष्कता दूर होगी। इसके अलावा भरपूर नींद (Home remedies for Dry skin) लेनी चाहिए ।

पित्तज त्वचा यानी जिसमें पित्त की अधिकता है ऐसी त्वचा में लाल चकत्ते पड़ते हैं, मुँहासे होना, जल्दी-जल्दी सनबर्न होना आम बात होता है। यह बहुत ही संवेदनशील और मुलायम होती है तथा हल्कापन और गरमाहट लिए होती है। इस तरह की त्वचा पर रैशेज और मुँहासों की समस्या अधिक देखी जाती है। पित्त प्रभावी त्वचा पीली और संवेदनशील होने से सूरज की रोशनी में ज्यादा प्रभावी होती है। ऐसी त्वचा में शीतवीर्य द्रव्यों के लेप एवं तैल से मालिश करनी चाहिए।  

कफज त्वचा अधिक तैलीय, मोटी और ठण्डापन लिए होती है। ऐसी त्वचा पर अधिक गन्दगी जमा होने की संभावना तथा मुँहासे की शिकायत अधिक रहती है। कफ प्रभावित त्वचा में की देखभाल के लिए त्वचा के विषैले तत्वों को दूर करने की आवश्यकता पड़ती है

रूखी त्वचा से बचने के उपाय 

रूखी त्वचा की परेशानी से बचने के लिए जीवनशैली और आहार योजना में बदलाव लाना जरूरी होता है। इन सबके साथ घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्ख़े रूखी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

 

रूखी त्वचा के लिए जीवनशैली 

आम तौर पर रूखी त्वचा के कारण जो परेशानियां होती है या त्वचा में  रूखापन हद से ज्यादा बढ़ ना जाये इसको संभालने के लिए जीवनशैली में  कुछ बदलाव लाने पर त्वचा की देखभाल की जा सकती है।

  • प्रतिदिन व्यायाम एवं योगासन करने से पसीना आता है जिससे त्वचा के रोमछिद्र से खुलकर प्राकृतिक तेल बाहर आता है। यह तैल आपके चेहरे को नमी प्रदान  करता है।
  • सूर्य की रोशनी में जाने से पहले त्वचा में अच्छा नमी युक्त सनक्रीन लगाए एवं चेहरे को ढक कर रखें।
  • स्नान के लिए ठण्डे पानी का इस्तेमाल करें।

 

रूखी त्वचा वालों के लिए आहार योजना 

त्वचा का रूखापन काफी हद तक आहार योजना पर भी निर्भर करता है। अगर आहार योजना सही नहीं होगा तो त्वचा पर भी उसका सीधा असर पड़ेगा। इसलिए शरीर वात, पित्त या कफ किस प्रकृति का है इस पर आहार योजना होनी चाहिए नहीं तो त्वचा पर उसका उल्टा असर पड़ता है।

  • अपनी प्रकृति का निरीक्षण कर उसके अनुसार भोजन करें। शुष्क त्वचा की समस्या वातज प्रकृति के व्यक्ति में देखी जाती है अतःवातशामक आहार करें और त्वचा पर वातशामक तेलों से मसाज करें।
  • भोजन में फल और सब्जियों का इस्तेमाल करें जिससे शरीर को आहारीय रेशे पर्याप्त मात्रा में मिलें। इससे पाचन तंत्र ठीक होकर व्यक्ति स्वस्थ रहता है और अच्छे स्वास्थ्य के परिणामस्वरूप त्वचा अच्छी होती है।

 

रूखी त्वचा होने पर इन चीजों से करें परहेज

जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि आहार का सबसे ज्यादा प्रभाव त्वचा पर पड़ता है, इसलिए अपने आहार में इन चीजों के शामिल न करें तो अच्छा है।

जंक एवं प्रोसेस्ड आहार शरीर में टॉक्सिन को इकट्ठा कर कई समस्याओं को जन्म देते है जिसके परिणामस्वरूप त्वचा फीकी एवं शुष्क नजर आती है। अत: इनका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

 

रूखी त्वचा के लिए घरेलू नुस्ख़े 

आम तौर पर रूखी त्वचा (home remedy for dry skin) में कांति लाने या त्वचा को मुलायम बनाने तथा ग्लो लाने के लिये लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाते हैं। चलिये ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्ख़ों के बारे में जानते हैं-

शहद रूखी त्वचा में फायदेमंद 

रूखी त्वचा के लिए शहद बेहद फायदेमन्द है। अगर मौसम के बदलने के कारण त्वचा रूखी हो जाती है शहर लगाने से त्वचा  को नमी मिलती है। इसे दस मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखें और बाद में चेहरा धों लें।

जैतून तेल रूखी त्वचा को करें नरम 

रूखी त्वचा को अच्छा बनाने के लिए आधा कप ठंडे दूध में जैतून के तेल की कुछ बूंदे डालिए और मिला लीजिए। अब  इसे रूई के माध्यम से चेहरे पर लगाएँ।

दूध की मलाई रूखी त्वचा में लाये रौनक 

एक चम्मच तिल के तेल में थोड़ी सी दूध की मलाई मिलाकर अच्छी तरह फेंट लीजिए फिर इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। चेहरे का रूखापन दूर हो जाता है।

बादाम तेल की मालिश त्वचा का रूखापन करें कम 

बादाम तेल और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर हल्के हाथों से मालिश करें। दस मिनट बाद गीले तौलिए से पोंछ लीजिए, इससे रूखी त्वचा में निखार आ जाएगा।

नारियल तेल रूखी त्वचा के लिए फायदेमंद 

रूखी त्वचा के लिए नारियल तेल बेहद असरदार है। इससे मालिश करके कुछ घण्टे तक इसे त्वचा पर लगा रहने दें फिर नहा लें। इससे रूखापन दूर होकर त्वचा पर निखार आता है।

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