Thyroid थाइरोइड
- आज भारत में दस में एक व्यक्ति थायराइड की बीमारी से पीड़ित है.
- भारत स्वास्थ मंत्रालय की तरफ से थायराइड का इलाज खर्च कम कर दिया है.
- जिससे लोग अपना इलाज करवा सके। पुरुषो की तुलना में महिलाओं में अधिक थायराइड की समस्या होती है.
- थायराइड व्यक्ति के शरीर में पाये जाने वाले अंतौरान्ड ग्लांड्स में से एक है.
- थायराइड गर्दन में श्वास नाली के ऊपर तितली के आकार की होती है। यह थ्योरिकसिन नामक हार्मोन्स बनाती है.
- यह शरीर की ऊर्जा Metabolism को बढ़ाता है। यह थायराइड ग्रंथि शरीर में स्थित कोशिकाओं को नियंत्रित करता है.
- यह एक तरह का मास्टर लिवर होता है। जो ऐसे जींस का स्राव करती है.
- जो सभी कोशिकाओं में रक्त पहुंचाने का कार्य करती है। इस ग्रंथि के सही तरह से काम ना कर पाने से बहुत सी परेशानीया उत्पन्न होती है.
- सभी के दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा इसका उपचार क्या है चलिए आगे और जानकारी लेते है.
थाइरोइड क्या है.( what is meaning Thyroid in hindi )
- थायराइड गले की बीमारी होती है जो शुरुवात में पता नहीं लगती है लेकिन बढ़ने पर यह आसानी से गले पर नजर आती है.
- यह गले पर गोल आकर के जैसा होता है. यह आयोडीन की कमी से होता है
- इसलिए भोजन में आयोडीन नमक मिलाकर खाये जिससे थायराइड जैसी समस्या नहीं होगी.
थाइरोइड कितने प्रकार की होती है.
- थायराइड दो तरह से होता है. T3 हाइपरथायराइज्मि, T4 हाइपोथायरायडिज्म। यह ग्रंथि अन्य हार्मोन्स के प्रति सवेंदनशील होती है.
थाइरोइड होने के कारण क्या है.
- थायराइड का सबसे सामान्य कारण ग्रेव्स डिजीज है. यह एक तरह का ऑटोइम्यून रोग है जिसमे ऑटो एंटीबाडी अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन ग्रंथि को उत्तेजित करने लगती है. यह अक्सर महिलाओं में अधिक होता है.
- थायराइड ग्रंथि पर गांठ बनने के कारण हार्मोन का अधिक मात्रा में स्राव हो सकता है.
- शरीर में आयोडीन का अधिक कमी होने से थायराइड की समस्या होती है.
- गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में हार्मोन के बदलाव होते रहते है. इनमे कुछ हार्मोन के बदलाव से हाइपरथायराइडिज्म हो सकता है.
- इसके अलावा पिट्यूटरी ग्रंथि में कैंसर कोशिका के विकसित होने पर थायराइड हार्मोन का उत्पादन बढ़ सकता है।
- थायराइड उन लोगो को होने का खतरा अधिक रहता है जो अधिक तनाव में रहते है,
- इसलिए लोगो को तनाव प्रबंधन करने का प्रयास करना चाहिए.
- जिन लोगो को हाई बीपी या लो बीपी की समस्या होती है, उनको थायराइड होने का जोखिम अधिक रहता है.
- thyroid की समस्या अक्सर जन्म देने के बाद माँ को हो सकता है, किंतु कुछ समय के बाद अपने आप ठीक हो जाता है.
- यदि महिला को लंबे समय तक थायराइड बनता है तो तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए.
थायराइड के लक्षण क्या है ?
- इसके के निम्लिखित लक्षण है
- कब्ज होना.
- शरीर का वजन.
- हाथ-पैर ठंडे होना.
- त्वचा सुखना.
- तनाव में रहना.
- आलसपन होना।
- जुखाम ठीक नहीं होना.
- शारीरिक व मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होना.
- बालो का गिरना.
थायराइड का इलाज क्या है ?
- थायराइड बीमारी का विभिन्न प्रकार से इलाज किया जाता है. जैसे ग्रंथ नलिका में कोई समस्या उत्पन्न हो रही है,
- तो डॉक्टर कुछ एंटीबायोटिक दवाइयों की खुराक देते है जिससे थायराइड को कम किया जा सके.
- अगर व्यक्ति को गले में दर्द की शिकायत होती है, तो डॉक्टर पहले व्यक्ति के रक्त की जांच करता है. रक्त में TSH और TRM की मात्रा देखी जाती है.
- यह जानने के लिए थायराइड के लक्षण है या नहीं है। परिणाम मिलने के बाद ही डॉक्टर इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव देते है.
- दवाओं के लेने से कभी-कभी थायराइड में Cyst की संभावना हो जाती है। Cyst अन्य बीमारी का भी कारण बन सकता है इसलिए डॉक्टर सर्जरी के द्वारा cyst को हटा देते है.
- यदि व्यक्ति को थायराइड में कैंसर होता है, तो डॉक्टर कीमोथेरेपी और विकिरण की सहायता से इलाज करते है.
- यदि थायराइड की स्थिति अधिक ख़राब हो जाती है तो डॉक्टर सर्जरी करने का निणर्य भी ले सकते है।
थायराइड की समस्या को दूर करने के लिए घरेलु उपचार क्या है ?
- लौकी के रस में तुलसी के पत्ते मिलाकर पीये। थायराइड की समस्या दूर होगी.
- खानो में अधिक मछली का तेल इस्तेमाल करे क्योकि मछली के तेल में ओमेगा फैटि तत्व होता है.
- सेब का सिरका खाना चाहिए क्योकि सेब के सिरके में अल्काइन एसिड होता है जो उच्च रक्तचाप में मदद करता है.
- अदरक की चाय में शहद मिलाकर पीये इससे बहुत आराम मिलेगा। अदरक में पोटैशियम, जिक जैसे तत्व होते है जो थायराइड की समस्या को कम करते है.
- हरी धनिया की चटनी भोजन में मिलाकर इसका सेवन करे जिससे पाचनक्रिया अछि रहेगी तो थायराइड की समस्या उत्पन्न नहीं होगी.
- योगा में प्राणायाम आसान थायराइड के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। क्योकि यह आसान उज्जायी गले पर केंद्रित होता है और साथ में सूर्य नमस्कार भी कर सकते है.
- यदि किसी ऊतक की मिक्रोस्कोपिक और बायोप्सी के बाद गांठ की पहचान ठीक से नहीं हो पाती है.
- तो चिकिस्तक थायरोडेक्टॉमी करवाने की सलाह दे सकते है. थायरोडेक्टॉमी से आसानी से कैंसर का पता लगाया जा सकता है.